आरटीओ ने जारी की सीएनजी वाहन की आरसी, कंपनी के पेट्रोल टेंक पर लगाई पेनल्टी
कंपनी से वाहन खरीदने पर कंपनी के अधिकारी उस वाहन के संबंध में सारी जानकारी उपभोक्ता को उपलब्ध कराते है और वाहन की मेक ब्रांड आदि की पूरी जानकारी परिवहन कार्यालय की जाती है ताकि उसकी आरसी जारी की जा सके, लेकिन यदि कंपनी ही उपभोक्ता से धोखाधड़ी की जाये तो उसे क्या कहा जा सकता है?
चित्तौड़गढ़। कंपनी से वाहन खरीदने पर कंपनी के अधिकारी उस वाहन के संबंध में सारी जानकारी उपभोक्ता को उपलब्ध कराते है और वाहन की मेक ब्रांड आदि की पूरी जानकारी परिवहन कार्यालय की जाती है ताकि उसकी आरसी जारी की जा सके, लेकिन यदि कंपनी ही उपभोक्ता से धोखाधड़ी की जाये तो उसे क्या कहा जा सकता है?
ऐसा ही एक मामला टाटा कम्पनी का सामने आ सकता है। टाटा कम्पनी से प्रतापनगर क्षेत्र के रहने वाले हर्षित माहेश्वरी ने जुलाई 2023 में एक पिकअप खरीदी। इस दौरान कंपनी के मैनेजर और कर्मचारियों ने पिकअप को पूरी तरह सीएनजी बताया और आरटीओ में रजिस्ट्रेशन कराया गया। जिसकी आरसी में वाहन सीएनजी हाेने का ही विवरण दिया गया लेकिन कम्पनी द्वारा ही वाहन में 5 लीटर का पेट्रोल टेंक दिया है और गाड़ी पेट्रोल व सीएनजी दोनों से चल सकता है जिसकी जानकारी से खरीरदार को अनभिज्ञ रखा गया। करीब 2 साल गुजरने के बाद खरीददार हर्षित माहेश्वरी के मोबाइल पर आरटीओ द्वारा गाड़ी को ब्लैक लिस्ट करने और 40 हजार 800 रूपये का चालान जमा कराने संबंधी मैसेज आया तो वह भौचक्का रह गया। उसने पता किया तो बताया कि गाड़ी में पेट्रोल टेंक होने की वजह से यह पेनल्टी लगाई गई है अौर वाहन को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया। प्रार्थी ने बताया कि ऐसा कई लोगों के साथ कम्पनी के अधिकारियों ने झूठ बोलकर धोखाधड़ी की है।
आरटीओ ने कैसे जारी की आरसी?
खरीददार द्वारा पेनल्टी के संबंध में जानकारी ली तो बताया कि पैसा नहीं जमा कराने पर हर माह पेनल्टी लगेगी और उस वाहन को ब्लेक लिस्ट से नहीं हटाया जा सकेगा। अब सवाल यह है कि कंपनी के मैनेजर ने खरीददार को वाहन बेचकर उसे जानकारी से अनभिज्ञ रखा लेकिन आरटीओ द्वारा वाहन की फिटनेस जारी करते समय पूरी जांच नहीं की गई और आरसी जारी कर दी गई। ऐसे में परिवहन विभाग की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे है। हालांकि खरीददार ने इस पूरे मामले को लेकर जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर टाटा कंपनी और आरटीओ के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है वहीं उपभोक्ता संरक्षण मंच में वाद दायर किया है।
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