सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में अंतर सदनीय अंग्रेजी वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन
सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में विद्यार्थियों की भाषा दक्षता, तार्किक क्षमता तथा अभिव्यक्ति कौशल को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से अंतर सदनीय अंग्रेजी वाद-विवाद प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया।
चित्तौड़गढ़। सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में विद्यार्थियों की भाषा दक्षता, तार्किक क्षमता तथा अभिव्यक्ति कौशल को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से अंतर सदनीय अंग्रेजी वाद-विवाद प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया। प्रतियोगिता का संचालन विद्यालय के प्राचार्य कर्नल अनिल देव सिंह जसरोटिया एवं उप प्राचार्य लेफ्टिनेंट कर्नल पारुल श्रीवास्तव के सान्निध्य एवं मार्गदर्शन में किया गया। स्कूल के शंकर मेनन सभागार में आयोजित हुई इस अंतर सदनीय प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि स्कूल के प्राचार्य कर्नल अनिल देव सिंह जसरोटिया थे। मुख्य अतिथि का स्कूल के कार्यवाहक सीनियर मास्टर राकेश रामपुरिया ने स्वागत किया।
स्कूल के जनसंपर्क अधिकारी बाबूलाल शिवरान ने बताया कि सभी सदनों के प्रतिभावान कैडेट्स ने प्रतियोगिता में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सीनियर वर्ग की इस प्रतियोगिता का विषय “टेक्नोलॉजी इज मेकिंग पीपल लेस प्रोडक्टिव” रखा गया। प्रत्येक सदन के दो-दो कैडेट्स ने पक्ष एवं विपक्ष दोनों ही दृष्टिकोण से अपने तर्क प्रस्तुत किए। कैडेट्स ने अपने वक्तव्य में तकनीक के सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों पहलुओं पर प्रकाश डाला। पक्ष रखने वाले कैडेट्स ने अपने तर्कों के माध्यम से कहा कि अत्यधिक तकनीकी निर्भरता से मानव की कार्यक्षमता एवं रचनात्मकता प्रभावित हो रही है, वहीं विपक्ष रखने वाले कैडेट्स ने तकनीक को समय प्रबंधन, कार्य दक्षता एवं नवाचार का मजबूत साधन बताया। इस दौरान प्रतिभागियों ने आत्मविश्वास, तर्कशक्ति, वाकपटुता और प्रभावी प्रस्तुति का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
इस प्रतियोगिता में सांगा हाउस का कैडेट हर्षवर्धन प्रथम, कुम्भा हाउस का कैडेट खुशवंत सिंह द्वितीय एवं कुश हाउस की कैडेट दिव्यांश बल्दावत तृतीय स्थान पर रहा। इस प्रतियोगिता की प्रभारी अंग्रेजी की वरिष्ट अध्यापिका पूजा सिंह एवं दिव्या राव थी। संगणक का कार्य गणित के अध्यापक धर्मेन्द्र यादव ने किया। कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि कर्नल जसरोटिया ने विजेता एवं प्रतिभागी कैडेट्स को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों में तार्किक सोच, अभिव्यक्ति क्षमता एवं प्रतिस्पर्धात्मक भावना को सुदृढ़ करते हैं। उन्होंने विजेता कैडेट्स को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं।
What's Your Reaction?