दुकान जलाने के मामले में चार कार्यकर्ता को न्यायालय ने बरी किया
चित्तौड़गढ़ चित्तौडगढ न्यायालय विशिष्ट न्यायाधीश एससी एसटी कोर्ट के न्यायाधीश उदय सिंह अलौरिया ने करीब पांचसाल पहले अरनोदा में दुकान में आग लगाने के मामले में चारा आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया है यह सभी हिन्दु संगठन से जुडे थे और समुदाय विशेष की दुकानों में आग लागने का आरोप था इस मामले में न्यायालय ने दिए निर्णय में चारों आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया है

चित्तौड़गढ़ चित्तौडगढ न्यायालय विशिष्ट न्यायाधीश एससी एसटी कोर्ट के न्यायाधीश उदय सिंह अलौरिया ने करीब पांचसाल पहले अरनोदा में दुकान में आग लगाने के मामले में चारा आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया है यह सभी हिन्दु संगठन से जुडे थे और समुदाय विशेष की दुकानों में आग लागने का आरोप था इस मामले में न्यायालय ने दिए निर्णय में चारों आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया है
प्रकरण के अनुसार दिनांक 7.10.2018 को गाय के बछड़े को मारकर गोवंश के अवशेष को अरनौदा गांव के कुएं में डाल देने की घटना को लेकर अरनौदा गांव में आक्रोश होने से कुछ अज्ञात लोगों द्वारा या शार्ट सर्किट द्वारा सिराजुद्दीन शरीफ मोहम्मद अफरोज प्रकाश की दुकान में आग लग जाने से अरनौदा ग्राम वासियों द्वारा आग बुझाने का सहयोग किया लेकिन तब तक सारी दुकाने व उनमें रखे मोटरसाइकिल पार्ट्स के सामान जलकर नष्ट हो गए जिस पर मौके पर सदर थाना निंबाहेड़ा व पुलिस प्रशासन मौके पर आया उसे समय के राजनीतिक दबाव के चलते हुए प्रशासन ने अरनौदा व आसपास के गांव के हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा आग बुझाने का कार्य किया उनमें से यशवंत पाटीदार निवासी अरनोदा राजेंद्र सिंह निवासी अरनिया जोशी सुनील पाटीदार निवासी अरनोदा मुकेश पालीवाल निवासी अरनिया जोशी को मौके से गिरफ्तार कर प्रार्थी अफरोज खा सिराजुद्दीन ,शरीफ मोहम्मद, प्रकाश चमार की रिपोर्ट पर एफआईआर दर्ज कर जुर्म द्वारा 147, 436, 427 149 आईपीसी ,व धारा 3 एससी एसटी एक्ट में प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान डि.वाइ.एस.पी. निंबाहेड़ा गोपीचंद मीणा द्वारा किया गया अभियुक्त न्यायालय के आदेश से पूर्व में जमानत पर आजाद हुए अभियुक्त के विरुद्ध न्यायालय विशिष्ट न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट चित्तौड़गढ़ में अभियुक्त गणों के विरुद्ध पुलिस थाना सदर निंबाड़ा में चार्ज शीट प्रस्तुत की
न्यायालय द्वारा प्रकरण की विधिवत सुनवाई करते हुए न्यायालय में अभियोजन पक्ष द्वारा कुल 13 गवाह पेश किए व कुल 12 दस्तावेज प्रदर्शित करवाये अभियुक्त गणों की ओर से एडवोकेट ओम प्रकाश शर्मा राजेंद्र सिंह चौहान सत्यनारायण माली ने पैरवी करते हुए अपना बचाव पक्ष रखा अभियोजन के सभी गवाह से जीरह करते हुए अंतिम बहस न्यायालय में प्रस्तुत की न्यायालय विशिष्ट न्यायाधीश एससी एसटी कोर्ट के न्यायाधीश उदय सिंह अलौरिया द्वारा दोनों पक्षों की अंतिम बहस सुनकर विधिवत सुनवाई कर दिनांक 29जनवरी 2024 को अंतिम निर्णय पारित करते हुए अभियुक्त यशवंत पाटीदार राजेंद्र सिंह चारण सुनील पाटीदार मुकेश पालीवाल को बरी करने का फैसला सुनाया ,फैसला की खबर सुनते ही हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने न्यायालय के फैसले का स्वागत किया
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