पत्रकार को जान से मारने की धमकी देने के विरोध में चित्तौड़गढ़ ईकाई ने दिया ज्ञापन
कोटड़ा क्षेत्र में भास्कर संवाददाता रमेश गरासिया को मिली जान से मारने की धमकी के विरोध में पत्रकार संगठन ने कड़ा रोष प्रकट करते हुए मेवाड़ प्रेस क्लब वेलफेयर सोसायटी चित्तौड़गढ़ ईकाई द्वारा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन उपखंड अधिकारी बीनू देवल को दिया।
सलूंबर उदयपुर देवला तहसील, कोटड़ा क्षेत्र में भास्कर संवाददाता रमेश गरासिया को मिली जान से मारने की धमकी के विरोध में पत्रकार संगठन ने कड़ा रोष प्रकट करते हुए मेवाड़ प्रेस क्लब वेलफेयर सोसायटी चित्तौड़गढ़ ईकाई द्वारा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन उपखंड अधिकारी बीनू देवल को दिया। इस दौरान चित्तौड़गढ़ ईकाई के जिला अध्यक्ष राजेंद्र सिंह शेखावत, संभाग सचिव अविनाश चतुर्वेदी , समाचार प्लस प्रभारी ओम कुमार भट्ट , दुर्गेश लक्षकार , विनोद शर्मा , राजेश लोहार सहित अन्य पत्रकार साथी मौजूद रहे
ये है पूरा मामला.....
30 नवंबर 2025 को देवला क्षेत्र के भास्कर संवाददाता रमेश गरासिया को कार्यवाहक बीडीओ शंभुराम गरासिया तथा मैरपुर ग्राम पंचायत के सरपंच पति द्वारा फोन पर धमकी दी गई। आरोपियों ने कहा—
“हमारे खिलाफ खबर लगाई है, तेरे ऊपर गाड़ी चढ़ाकर मार डालेंगे।”
पत्रकारों ने इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सीधा हमला बताते हुए कहा कि यह घटना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, निष्पक्ष पत्रकारिता और लोकतांत्रिक मूल्यों को चोट पहुँचाने वाली है। इस धमकी से पूरे पत्रकार समुदाय में भय और आक्रोश व्याप्त है।
मेवाड़ प्रेस क्लब द्वारा प्रशासन को सौंपे गए ज्ञापन में निम्न मांगें प्रमुख रूप से उठाई गई जिसमेधमकी देने वाले दोनों आरोपियों के खिलाफ तत्काल मामला दर्ज की जाए।
कार्यवाहक बीडियो शंभुराम गरासिया को फौरन निलंबित/पद से हटाया जाए। पत्रकारों ने बताया कि शासन सचिव के आदेश के अनुसार विकास अधिकारी के रिक्त पद पर प्रथम वरीयता सहायक अभियंता को देनी चाहिए, जबकि कोटड़ा में सहायक अभियंता उपलब्ध होने के बावजूद शंभुराम गरासिया ने पद पर अवैध कब्जा कर रखा है।सरपंच पति के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।पत्रकार रमेश गरासिया की सरकारी स्तर पर सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।मामले की जांच हेतु स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच टीम गठित कर रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।राजस्थान में पत्रकार सुरक्षा कानून शीघ्र लागू किया जाए।संगठन ने जताया गहरा आक्रोश पत्रकारों ने कहा कि किसी भी सरकारी अधिकारी या जनप्रतिनिधि द्वारा मीडिया कर्मी को जान से मारने की धमकी देना अत्यंत गंभीर अपराध है और यदि इस मामले में त्वरित कार्रवाई नहीं हुई तो यह पूरे पत्रकार समुदाय के लिए खतरनाक संदेश होगा।
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