चित्तौड़गढ़ जिले को “जल संचय जन भागीदारी 1.0” में 25 लाख का राष्ट्रीय पुरस्कार
जल संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करते हुए चित्तौड़गढ़ जिले ने जल संचय जन भागीदारी 1.0 कार्यक्रम में राष्ट्रीय उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
चित्तौड़गढ़। जल संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करते हुए चित्तौड़गढ़ जिले ने जल संचय जन भागीदारी 1.0 कार्यक्रम में राष्ट्रीय उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। इसी उपलब्धि के परिणामस्वरूप जिले को जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पश्चिमी जोन की श्रेणी-3 में 25 लाख रुपये के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान 18 नवम्बर को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में जिला कलक्टर आलोक रंजन को प्रदान किया जाएगा।
जल संचय जन भागीदारी 1.0 भारत सरकार का एक व्यापक सामुदायिक कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य जल संसाधनों के संरक्षण, प्रबंधन और पुनर्भरण को जनभागीदारी के माध्यम से मजबूत बनाना है। बढ़ते भूजल संकट, घटते जलस्तर और अनियमित वर्षा जैसी चुनौतियों को देखते हुए यह अभियान सरकार, पंचायतों, स्वयंसेवी संगठनों और आमजन को एकजुट कर प्रभावी कार्य करने पर केंद्रित है। कार्यक्रम की अवधि 1 अप्रैल 2024 से 31 मई 2025 निर्धारित थी।
कार्यक्रम के तहत जिले में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग, वन विभाग, जलग्रहण विकास एवं भू संरक्षण विभाग, जल संसाधन विभाग आदि की संयुक्त टीमों द्वारा 7,540 जल संग्रहण एवं भूजल पुनर्भरण संरचना जैसे एनिकट, चेकडेम, तलाई, परकोलेशन टैंक, रूफ-टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर, सोक-पिट और रिचार्ज शाफ्ट का निर्माण एवं जीर्णोद्धार किया गया।
1 अप्रैल 2024 से 15 जुलाई 2024 तक चलाए गए विशेष अभियान का प्रभाव जिले के भूजल स्तर में स्पष्ट रूप से देखा गया। भूजल विभाग द्वारा जारी 2024 के मानसून पूर्व एवं मानसून पश्चात् आंकड़ों के अनुसार चित्तौड़गढ़ जिले में भूजल स्तर में 13.99 मीटर की वृद्धि दर्ज की गई, जो राज्य में सर्वाधिक है। यह उपलब्धि जिले के सुनियोजित प्रयासों और जनभागीदारी आधारित जल संरक्षण की सफलता को प्रमाणित करती है।
What's Your Reaction?