चित्तौड़गढ़ जिले को फसल खराबा सूची में शामिल न करने पर पूर्व सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र, जताया विरोध
राजस्थान सरकार के आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग द्वारा खरीफ वर्ष 2025-26 की गिरदावरी रिपोर्ट के आधार पर जारी की गई अधिसूचना पर पूर्व सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कड़ा विरोध दर्ज करते हुए चित्तौड़गढ़ जिले की उपेक्षा को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और इस संदर्भ में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिख इसपर पुनः विचार करने का निवेदन किया है।
निंबाहेड़ा। राजस्थान सरकार के आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग द्वारा खरीफ वर्ष 2025-26 की गिरदावरी रिपोर्ट के आधार पर जारी की गई अधिसूचना पर पूर्व सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कड़ा विरोध दर्ज करते हुए चित्तौड़गढ़ जिले की उपेक्षा को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और इस संदर्भ में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिख इसपर पुनः विचार करने का निवेदन किया है।
जारी अधिसूचना में राजस्थान इफेक्टेड (सस्पेंशन ऑफ प्रोसिडिंग्स) एक्ट, 1952 की अधिसूचना संख्या 21 के तहत धारा 3 एवं 4 का उपयोग करते हुए राज्य सरकार ने जयपुर, सलूंबर, जालोर, करौली, प्रतापगढ़ एवं हनुमानगढ़ जिलों के 1814 गांवों को बाढ़ से 33 प्रतिशत या उससे अधिक फसल खराबे के आधार पर अभावग्रस्त घोषित किया है। इस पर आंजना ने कहा कि चित्तौड़गढ़ जिले में खरीफ मौसम के दौरान हुई लगातार बारिश और जलभराव से बड़े पैमाने पर फसलें नष्ट हुईं, जिसमें निंबाहेड़ा, बस्सी, विजयपुर जैसे क्षेत्र विशेष रूप से प्रभावित हुए थे। परंतु सरकार द्वारा जारी सूची में जिले का नाम शामिल न होना किसानों के साथ अन्याय है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला स्तर पर प्रस्तुत की गई गिरदावरी रिपोर्टों की अनदेखी कर राज्य सरकार ने किसानों की समस्याओं को दरकिनार किया है। साथ ही आंजना ने यह भी कहा कि वर्तमान में चित्तौड़गढ़ जिले के सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधि जो सरकार एवं सत्ताधारी दल में अपना विषय स्थान रखते हैं केवल अपने आर्थिक हितों की सिद्धि हेतु प्रयास कर रहे हैं उन्हें किसानों एवं जनता के मुद्दों से कोई सरोकार नहीं है।
किसानों को मुआवजा दिलवाने की मांग
आंजना ने स्पष्ट किया कि जिले के अनेक ग्रामों में सोयाबीन, मक्का, उड़द, मूंग एवं मूंगफली सहित अन्य प्रमुख खरीफ फसलों में भारी नुकसान हुआ है, इसलिए चित्तौड़गढ़ को अभावग्रस्त घोषित कर प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने तत्काल प्रभाव से जिले को बाढ़ प्रभावित सूची में शामिल नहीं किया, तो कांग्रेस पार्टी किसानों की आवाज बुलंद करते हुए व्यापक आंदोलन करेगी।
सरकार से पुनः मूल्यांकन की मांग
पूर्व मंत्री ने राज्य सरकार से मांग की कि चित्तौड़गढ़ जिले के कलेक्टर को पुनः निर्देशित कर पुनर्मूल्यांकन करवाया जाए तथा वास्तविक स्थिति को देखते हुए किसानों को राहत देने में किसी प्रकार की देरी न की जाए।
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