भदेसर में 21 करोड़ की लागत से बनने वाले भैरुनाथ मंदिर का भूमि पूजन, शिला स्थापना व पूर्णाहुति संपन्न
Bhoomi Pujan, Shila Prasthan and foundation stone laying ceremony of Bhairavnath Temple to be constructed at a cost of Rs. 21 crore in Bhadesar
भदेसर में 21 करोड़ की लागत से बनने वाले भैरुनाथ मंदिर का भूमि पूजन, शिला स्थापना व पूर्णाहुति संपन्न
संत-महात्माओं की उपस्थिति में हुआ भव्य आयोजन, ग्रामवासी उमड़े श्रद्धा और उल्लास से
प्रियंका दाधीच
भदेसर। जन-जन की आस्था के प्रतीक श्री भैरुनाथ मंदिर, भदेसर में गुरुवार को भव्य भूमि पूजन, शिला स्थापना व पूर्णाहुति महोत्सव बड़े हर्ष और उल्लास के साथ संपन्न हुआ। लगभग 21 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस भव्य मंदिर के लिए शुभ मुहूर्त में विधिवत शिला स्थापना की गई।
कार्यक्रम का प्रारंभ सुबह एक विशाल शोभायात्रा से हुआ, जो भदेसर के एक निजी रिज़ॉर्ट से प्रारंभ होकर नगर के मुख्य मार्गों से होती हुई भैरुनाथ मंदिर प्रांगण पहुंची। शोभायात्रा में सैकड़ों श्रद्धालु, भक्तगण, ग्रामवासी और संत-महात्मा शामिल हुए। मंदिर प्रांगण पहुंचने पर शिला पूजन और शिला स्थापना का कार्यक्रम वेद-मंत्रों के मध्य सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर पांच दिवसीय भदेसर भैरुनाथ मंदिर वास्तु अनुष्ठान का भी समापन हुआ, जो पिछले पाँच दिनों से निरंतर भदेसर के पूर्व राजपंडित परिवार के सदस्य पंडित दीपक भट्ट एवं उनके सहयोगियों द्वारा संपन्न कराया जा रहा था।
शिला स्थापना के उपरांत मंदिर प्रांगण में भव्य धर्मसभा आयोजित की गई, जिसमें ध्यानयोगी श्री उत्तम स्वामी जी महाराज, महंत श्री रामनाथ जी महाराज, महंत श्री लालनाथ जी महाराज एवं पीठाधीश्वर श्री सुदर्शनाचार्य जी महाराज ने अपने मंगल आशीर्वचन दिए। धर्मसभा के पश्चात् पूर्णाहुति यज्ञ सम्पन्न हुआ, जो उपरोक्त संत-महात्माओं के करकमलों से विधिवत सम्पन्न किया गया।
इस अवसर पर भैरुनाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष ओंकारनाथ योगी, कोषाध्यक्ष गोवर्धननाथ योगी, मंत्री पारस योगी, उपाध्यक्ष रमेशनाथ योगी, कमलेश्वरनाथ योगी, प्रबंध समिति सदस्य अर्जुननाथ योगी, नंदानाथ योगी, नारायणनाथ योगी, शिवनाथ योगी, किशन नाथ योगी सहित सभी ट्रस्ट पदाधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में भदेसर सहित राजस्थान, मेवाड़, और मालवा से हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। ग्रामवासियों का विशेष अभूतपूर्व सहयोग इस आयोजन में रहा। पूरे नगर में भक्ति, उल्लास और आध्यात्मिकता का वातावरण व्याप्त रहा।
समारोह के समापन पर एक विशाल भंडारे का आयोजन भदेसर के निजी रिज़ॉर्ट परिसर में किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
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