लूट के इरादे से मां-बेटे की हत्या प्रकरण में 2 आरोपियों को आजीवन कारावास, 35-35 हजार रुपये अर्थदंड
जिला एवं सेशन न्यायाधीश आशा कुमारी ने मंगलवार को महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए मां-बेटे की हत्या प्रकरण में दो आरोपियों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास एवं 35-35 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया।
चित्तौड़गढ़। जिला एवं सेशन न्यायाधीश आशा कुमारी ने मंगलवार को महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए मां-बेटे की हत्या प्रकरण में दो आरोपियों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास एवं 35-35 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया।
लोक अभियोजक तरूणदास वैरागी ने बताया कि प्रकरण 23 सितंबर 2022 का है। प्रार्थी शिवलाल मीणा निवासी अंधारिया बड़ला, थाना सालमगढ़ ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 22 सितंबर की रात उसकी पत्नी सोहनी बाई और पुत्र पंकज की अज्ञात बदमाशों ने सोते समय गहने लूटने की नियत से धारदार हथियार से हत्या कर दी थी। सुबह सूचना मिलने पर वह मौके पर पहुंचा, जहां दोनों के शरीर पर गंभीर चोटों के निशान थे तथा कमरे में खून फैला हुआ था। साथ ही सोहनी बाई के पैरों में पहनी चांदी की कड़िया और पायल भी गायब थीं।
थाना सालमगढ़ पुलिस ने मामला दर्ज कर धारा 302 भादंस में जांच प्रारंभ की। प्रकरण को केस ऑफिसर स्कीम में शामिल कर गंभीरता से अनुसंधान किया गया। अनुसंधान में पेशावर खां एवं थानाधिकारी रोहित कुमार रहे। अभियोजन पक्ष ने आरोप सिद्ध करने के लिए 16 गवाह, 86 दस्तावेज और 14 आर्टिकल न्यायालय में प्रस्तुत किए।
न्यायालय ने उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दोनों आरोपियों को धारा 460 एवं 394 भादंस में 10-10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 5-5 हजार रुपये अर्थदंड तथा धारा 302/34 भादंस में आजीवन कारावास एवं 25-25 हजार रुपये अर्थदंड सहित कुल 35-35 हजार रुपये के दंड से दंडित किया।
राज्य पक्ष की पैरवी लोक अभियोजक तरूणदास वैरागी और फरियादी पक्ष की ओर से एडवोकेट मनीष नागर द्वारा की गई। जानकारी मंगलवार दोपहर 3.40 बजे दी गई।
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