मोदी-शाह का तानाशाही निर्णय, सरकार उपलब्ध कराए बीएलओ को 2002 की वोटर लिस्ट और फोटोग्राफर : जाड़ावत
बिहार में हुई किसी भी गड़बड़ी को दूर किए बिना देश भर में एसआईआर लागू करना मोदी शाह का तानाशाही फैसला है, गलत नाम कटना जरूरी किंतु सही नाम को जोड़े रखना लोकतंत्र हित में होगा।
चित्तौड़गढ़ ।बिहार में हुई किसी भी गड़बड़ी को दूर किए बिना देश भर में एसआईआर लागू करना मोदी शाह का तानाशाही फैसला है, गलत नाम कटना जरूरी किंतु सही नाम को जोड़े रखना लोकतंत्र हित में होगा।
केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए राजस्थान सरकार के पूर्व राज्यमंत्री सुरेंद्रसिंह जाड़ावत ने एसआइआर को आनन फानन में लिया गया तानाशाही फैसला बताते हुए कहा है कि फसल खराबे को लेकर किसान खेत में है जो रबी की फसल की तैयारी को लेकर खेत में डटा हुआ है, किसान मजदूर वर्ग कम पढ़ा लिखा है जिनसे 2002 की वोटर लिस्ट मांगना बेमानी होगी क्योंकि अधिकांश एपिक नंबर से वोटर लिस्ट ऑनलाइन सर्च नहीं हो रही है, मौके पर रंगीन फोटो की मांग की जा रही है जो वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए असंभव है सरकार को विशेष गहन पुनरीक्षण करना ही था तो तमाम बीएलओ को 2002 की सूची के साथ एक फोटोग्राफर मुहैया कराना चाहिए था जिसका भुगतान सरकार वहन करती या न्यूनतम चार्ज मतदाताओं से लेती बिना तैयारी के SIR योजना को लागू करना लोगों के वोटिंग अधिकारों को छीन रहा है और लोकतंत्र को पूरी तरह से कमजोर कर रहा है। इसके अलावा, चुनाव आयोग की जल्दबाजी और भी शक पैदा करती है अल्प समय में निष्पक्षता के साथ इसे पूरी करना संदेह पैदा कर रहा है शहर के व्यापारी मतदाता भी उलझन में है, ज़्यादातर वोटर ग्रामीण लोग हैं एवं किसान हैं, इसलिए उनके पास रंगीन फोटो एवं 2002 की वोटर लिस्ट ढूंढने एन्यूमरेशन फॉर्म इकट्ठा करने, भरने और वापस करने का समय नहीं है इस प्रक्रिया में बड़ी संख्या में वोटर बाहर हो जाएंगे, इसके अलावा किसान बेमौसम बारिश से पैदा होने वाली स्थितियों से निपटने में लगा हुआ है पूर्व राज्यमंत्री ने कहा कि इलेक्शन कमीशन ऑफ़ इंडिया BJP के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की कठपुतली बन गया है और मनमानी कर रहा है, बिना 2002 की वोटर लिस्ट बीएलओ को मुहैया कराने बिना एसआईआर करना चुनाव आयोग की मंशा लाखों गरीबों को मताधिकार से वंचित करना है जबकि 2002 की वोटर लिस्ट सरकार के पास सुरक्षित होने के बावजूद भी आम मतदाताओं से मांगी जा रही है, चुनाव आयोग बिना पूरी तैयारी के साथ उन्होंने सभी पार्टियों के विरोध के बावजूद वोटर लिस्ट का एक स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन शुरू कर दिया है जो बड़ी संख्या में वोट देते आ रहे है मतदाताओं के भी नाम कटने की संभावना को प्रबल बना रहा है उन्होंने कांग्रेस जनप्रतिनिधियों एवं कार्यकर्ताओ से लोकतंत्र बचाने के लिए आम मतदाताओं के सहयोग का आव्हान किया है।
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