पूर्व मंत्री नंदलाल मीणा का निधन: भैंरोसिंह शेखावत से लेकर वसुंधरा सरकार में रहे मंत्री
Former minister Nandlal Meena passes away: From Bhairon Singh Shekhawat to

पूर्व मंत्री नंदलाल मीणा का निधन:
भैंरोसिंह शेखावत से लेकर वसुंधरा सरकार में रहे मंत्री,
भील प्रदेश की मांग का किया था समर्थन
Pratapgarh बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व जनजातीय कैबिनेट मंत्री नंदलाल मीणा का लंबी बीमारी के चलते 80 साल की उम्र में निधन हो गया। अहमदाबाद के अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके बेटे हेमंत मीणा राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। पूर्व मंत्री मीणा के निधन पर सहकारिता मंत्री गौतम दक त्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी निंबाहेड़ा विधायक श्री चंद्र कृपलानी चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह बेगू विधायक सुरेश धकड़ कपासन विधायक अर्जुन लाल जीनगर जिला प्रमुख गब्बर सिंह अहीर पूर्व विधायक बद्रीलाल जाट भाजपा जिला अध्यक्ष रतनलाल गाडरी कांग्रेस नेता पूर्व सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना पूर्व राज्यमत्री सुरेंद्र सिंह जाड़ावत आदि शोक जताया है
नंदलाल मीणा का जन्म 25 जनवरी 1946 को प्रतापगढ़ जिले के अम्बामाता का खेड़ा गांव में हुआ था। उनके पिता किशनलाल और माता देवीबाई थीं। उन्होंने मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय, उदयपुर से बी.ए. और एल.एल.बी. की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के बाद वे खेती-बाड़ी के साथ-साथ सामाजिक और राजनीतिक जीवन में सक्रिय हो गए। 20 जून 1968 को उनकी शादी सुमित्रा देवी से हुई। उनके एक पुत्र और पांच पुत्रियां हैं।
नंदलाल मीणा ने साल 1972 में पहला चुनाव लसाड़िया विधानसभा से लड़ा। मगर वे चुनाव नहीं जीत सके। 1977 में वे पहली बार जनता पार्टी के टिकट पर उदयपुर ग्रामीण सीट से विधायक बने।बीजेपी के गठन के समय मुंबई में मौजूद रहे
जनता पार्टी के विभाजन के बाद, 1980 में मुंबई अधिवेशन में जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का गठन हुआ, तब नंदलाल मीणा भी प्रतापगढ़ से वहां मौजूद थे। वे भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक बने और आदिवासी बहुल इलाकों में पार्टी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
7 बार विधायक और 3 बार मंत्री रहे
नंदलाल मीणा कुल 7 बार विधायक, एक बार सांसद और तीन बार राजस्थान सरकार में मंत्री रहे। वसुंधरा राजे सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया। मंत्री रहते हुए उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में हॉस्टल, एनीकट, सिंचाई योजनाएं और सड़कों का व्यापक जाल बिछाया।
भील प्रदेश की मांग का किया था समर्थन
बता दें कि नन्दलाल मीणा ने 2016 में भील प्रदेश की मांग का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि यदि इस मुद्दे के लिए उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ा, तो वे ऐसा करने को तैयार हैं। जबकि 2014 में उन्होंने भील प्रदेश की मांग का विरोध किया था, जबकि 2016 में उन्होंने इस मांग का समर्थन किया और इसके लिए मंत्री पद छोड़ने की पेशकश की थी।
2018 में तबीयत खराब होने के कारण उन्होंने सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली और पार्टी ने उनके बेट हेमंत मीणा को टिकट दे दिया। हालांकि, उस समय वे कांग्रेस प्रत्याशी रामलाल मीणा से हार गए। मगर 2023 के विधानसभा चुनाव में हेमंत मीणा ने जीत दर्ज की और उन्हें राजस्व मंत्री का पद मिला।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सुंदरलाल का 91 साल की उम्र में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वे 5 सितंबर से जयपुर के SMS हॉस्पिटल में भर्ती थे, जहां गुरुवार देर रात 2:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। लोग उन्हें ‘काका’ कहकर बुलाते थे
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