सहकारिता क्षेत्र को सशक्त और संगठित करने की दिशा में देश को 23 साल बाद मिली नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति - अग्रवाल
The country got a new National Cooperative Policy after 23 years in the direction of strengthening and organizing the cooperative sector - Agarwal

सहकारिता क्षेत्र को सशक्त और संगठित करने की दिशा में देश को 23 साल बाद मिली नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति: अग्रवाल
भीलवाड़ा । सहकार भारती के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं पूर्व राष्ट्रीय सह कोष प्रमुख हनुमान प्रसाद अग्रवाल ने हालही में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह द्वारा घोषित नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति-2025 की सराहना करते हुए इस नीति का स्वागत किया है और कहा कि भारत सरकार ने नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति-2025 का अनावरण कर देश में सहकारी आंदोलन और सहकारिता क्षेत्र को सशक्त और संगठित करने की दिशा में देश को 23 साल बाद नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति- 2025 प्रदान की ।यह नीति 23 वर्ष पूर्व की पुरानी नीति का स्थान लेगी और सहकारिता मंत्रालय की बढ़ती भूमिका को और मजबूत करेगी। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई सहाकारिता नीति की घोषणा करते हुये कहा कि यह नीति 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में सहकारिता की बड़ी भूमिका तय करेगी। अमित शाह ने बताया कि सहकारिता के माध्यम से देश की जीडीपी में तीन गुना वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, 50 करोड़ नए व्यक्तियों तक सहकारिता की पहुँच सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि हर गाँव में एक सहकारी समिति की स्थापना की जाएगी और हर जिले में एक मॉडल सहकारी ग्राम विकसित किया जाएगा, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले। केन्द्रीय सहाकारिता मंत्री ने कहा कि 2002 में पहली सहकारिता नीति लाई गई थी और आज 2025 में भाजपा सरकार ने दूसरी सहकारिता नीति प्रस्तुत की है। इसका केन्द्र बिन्दु गाँव, किसान, महिलाएँ, दलित और आदिवासी समुदाय होंगे। उन्होंने कहा कि यदि देश की मूल इकाई समृद्ध, रोजगारयुक्त और संतुष्ट होगी तो आर्थिक मॉडल विफल नहीं होगा। अमित शाह ने सभी प्रदेशों से आग्रह किया कि वे अपनी राज्य सहकारी नीति को केंद्र की नई सहकारी नीति के अनुरूप तैयार कर उसका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि मोदी सरकार का लक्ष्य 2027 तक भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना है।
सहकार भारती के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं पूर्व राष्ट्रीय सह कोष प्रमुख हनुमान प्रसाद अग्रवाल ने नई नीति का स्वागत करते हुए कहा कि सभी राज्यों में भी शीघ्र ही नई राज्य सहकारी नीति तैयार करने के लिए राज्य सरकारों को ज्ञापन देकर प्रयास किया जायेगा कि नयी नीति लागू कराई जाएगी। उन्होंने विश्वास जताया कि यह नीति छोटे किसानों, श्रमिकों और ग्रामीण महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव लाएगी और आत्मनिर्भर गाँवों के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत का सपना 2047 तक अवश्य पूरा होगा।
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