सांवलियाजी में जलझूलनी एकादशी पर उमडा सैलाब
चित्तौडगढ के सांवलियाजी में तीन दिवसीय जलझूलनी एकादशी का मेला पूरे परवान पर रहा पहले दिन विवार दोपहर में भगवान श्री सांवलिया सेठ एवं बाल गोपाल की पूजा अर्चना कर अभ्यास शोभायात्रा आरंभ हुई। इसी के साथ तीन दिवसीय जलझुलनी एकादशी मेले का शुभारंभ हुआ। दोपहर में मंदिर परिसर में सांवलियाजी वैदिक विद्यालय के आचार्य एवं बटुकों द्वारा गणपति वंदना व मंत्रोच्चार के मध्य शंखनाद करते हुए विशाल मेले का शुभारंभ किया गया। वही कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ वही सोमवार को रथयाऋा निकाली गई

2. खिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन, भजन संध्या और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन
प्रसिद्ध कृष्णधाम श्री सांवलिया जी के मेले में रविवार को अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन, भजन संध्या और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। रविवार को रात्रि में रेफरल चिकित्सालय के पास मण्डफिया बाईपास स्टेज पर अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें प्रसिद्ध कवि हरिओम पंवार, विनीत चौहान, शंभू शिखर, संजय झाला, पूनम वर्मा, भुवन मोहिनी सहित विभिन्न कवि गणों ने अपनी काव्य रचनाएं प्रस्तुत की। कवि सम्मेलन में प्रसिद्ध कवि डॉ डॉक्टर हरिओम पवार ने वीर रस देशभक्ति की कविताएं प्रस्तुत की। कवि सम्मेलन में कानू पंडित ने शुरुवात की, उन्होंने इसीलिए गांव में हिंदुस्तान जरूरी है कविता सुनाई। एमपी के शाहजहांपुर से आए दिनेश देशी घी ने हास्य रस की रचनाएं सुनाई। कवि सम्मेलन में कवि राम भदावर ने राजस्थान की महिमा पर कविता पाठ किया। दिल्ली से आए हास्य के कवि शंभू शिखर ने कई पेरोडिया सुना कर दर्शकों को लोट पोट कर दिया। डॉ भुवन मोहिनी ने हो गई हो गई रे बावरिया दुनिया हो गई रे आदि रचनाएं प्रस्तुत की। पंडित सुनिल व्यास हास्य कवि ने
भोपाजी कविता सुनाई।
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