सबसे पहले राष्ट्र, उसके बाद हम तभी बनेगा विकसित राष्ट्रः लेफ्टिनेंट कर्नल सिन्हा
सबसे पहले राष्ट्र, फिर समाज, फिर परिवार और सबसे अंत में हम है। यदि हम अपना लक्ष्य राष्ट्र के विकास के लिए समर्पित करेंगे तभी सहीं मायने में हमारा विकास होगा। ये बातें मोटिवेशनल स्पीकर सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल मनोज कुमार सिन्हा ने कहीं। जिन्होंने मेवाड़ यूनिवर्सिटी में चल रहे उन्मुखीकरण कार्यक्रम के तीसरे दिन मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में नवप्रवेशित विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उनमें नई ऊर्जा भर दी।

मेवाड़ यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रों ने भी साझा किए अपने अनुभव
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चित्तौड़गढ़। सबसे पहले राष्ट्र, फिर समाज, फिर परिवार और सबसे अंत में हम है। यदि हम अपना लक्ष्य राष्ट्र के विकास के लिए समर्पित करेंगे तभी सहीं मायने में हमारा विकास होगा। ये बातें मोटिवेशनल स्पीकर सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल मनोज कुमार सिन्हा ने कहीं। जिन्होंने मेवाड़ यूनिवर्सिटी में चल रहे उन्मुखीकरण कार्यक्रम के तीसरे दिन मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में नवप्रवेशित विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उनमें नई ऊर्जा भर दी। उन्होंने कहा कि पूर्ण विश्वास है कि वर्ष 2047 तक भारत एक विकसित राष्ट्र बन जाएगा। इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। इसमें सबसे महत्वपूर्ण योगदान भावी युवा पीढ़ी का है। वर्ष 2047 तक आते-आते यही अनुभवी विद्यार्थी देश का भविष्य निर्धारित करेंगे। उन्होंने कहा कि आप बहुत भाग्यशाली है कि मेवाड़ की इस धरा ( भक्ति और शक्ति की परिचायक ) पर अपना भविष्य संवार रहे है। यहां से आप जो ज्ञान और विचार सीखेंगे वहीं आगे चलकर राष्ट्र के विकास में काम आएगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विधार्थी देश के विकास में अपना योगदान दें ऐसा न हो अध्ययन करके विदेश में जाकर बस जाएं और भारत को भूल जाएं। भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। आने वाले समय में भारत तकनीकी के साथ-साथ व्यापार प्रबंधन अंतरिक्ष, विज्ञान, कला समेत सभी क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका पर रहेगा। उन्होंने विद्यार्थियों से आहृवान किया कि वे मौलिक अधिकार से पहले मौलिक कर्त्तव्य समझें तभी सच्चे देशभक्त और योग्य नागरिक बन सकेंगे।
उन्मुखीकरण कार्यक्रम में पूर्व छात्रों ने भी नवप्रेविशत विद्यार्थियों के साथ अपने अनुभव शेयर किए। भाग्या कंवर ने बताया कि मैं भीलवाड़ा क्षेत्र की निवासी हूॅं और मुम्बई में जाकर कॅरियर बनाया। ऐसे में मेवाड़ यूनिवर्सिटी की शिक्षा और यहां का माहौल मेरे लिए काफी लाभदायक रहा। इस यूनिवर्सिटी की विविधता में एकता की मिसाल है। इसी कल्चर में ढ़लकर हमें अपना कॅरियर बनाना है और ऐसे में सोशल नेटवर्किंग भी काफी मजबूत होती है। शिवम तिवारी ने बताया कि आप पढ़ाई को बोझ न समझें बल्कि तकनीकी का सहीं इस्तेमाल करते हुए अपनी समस्याओं को समाधान करें। इस मौके पर दिल्ली, हैदराबाद और बैंगलोर जैसे शहरों से पहुंचकर अन्य पूर्व छात्रों में अर्पित राठौर, अभिषेक कुमार, गजेश बाबल, हितेश गौर, शक्ति सिंह शेखावत आदि और आशुतोष सुब्रत ने ऑनलान जुड़कर नवप्रेविशत विद्यार्थियों के साथ अपने अनुभव शेयर किए और उन्हें वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए अन्य कोर्सेस की भी जानकारी दी जो उनके कॅरियर के लिए फायदेमंद हो सकते है। इसके अलावा नवप्रवेशित विद्यार्थियों को बहु-कार्य, टीम की भावना, धैर्यवान, सकारात्मक रवैया और आत्मसंयम जैसे गुणों को जीवन में समावेशित करने पर बल दिया ताकि कॅरियर को सहीं दिशा दी जा सकें। इस मौके पर एग्जामिनेशन सेल के हैड सुशील कुमार शर्मा ने भी प्रजेंटेशन के माध्यम से नवप्रवेशित विद्यार्थियों को एग्जाम पैटर्न की बारीकियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी और मंच संचालन मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग से फैकल्टी अनुभव राठौर ने किया। कार्यक्रम में सुबह के सत्र में विधार्थियों ने योग में भाग लेकर स्वस्थ रहने के टिप्स भी सीखे और राजस्थानी परंपरा में अतिथियों को सम्मानित किया गया।
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