बाल सरंक्षण के प्रति हर वर्ग को जागरूक होकर भागीदारी निभाएं-एसपी मनीष त्रिपाठी
चित्तौड़गढ़। राजस्थान पुलिस द्वारा राज्यव्यापी ऑपरेशन जागृति चरण-04 के तहत पुलिस महानिरीक्षक गौरव श्रीवास्तव के निर्देशन में पुलिसिंग फॉर केयर ऑफ चिल्ड्रन कार्यक्रम अंतर्गत आयोजित गतिविधियों में सोमवार को चित्तौड़गढ़ जिले में पॉक्सो अधिनियम की जानकारी देने के लिए जागरूकता रैली निकाली गई।

ऑपरेशन जागृति चरण 4
चित्तौड़गढ़ में बाल संरक्षण जागरूकता रैली को पुलिस अधीक्षक त्रिपाठी ने दिखाई हरी झण्डी
चित्तौड़गढ़। राजस्थान पुलिस द्वारा राज्यव्यापी ऑपरेशन जागृति चरण-04 के तहत पुलिस महानिरीक्षक गौरव श्रीवास्तव के निर्देशन में पुलिसिंग फॉर केयर ऑफ चिल्ड्रन कार्यक्रम अंतर्गत आयोजित गतिविधियों में सोमवार को चित्तौड़गढ़ जिले में पॉक्सो अधिनियम की जानकारी देने के लिए जागरूकता रैली निकाली गई। रैली को चित्तौड़गढ़ पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश सांखला और यूनिसेफ की बाल संरक्षण सलाहकार श्रीमती सिन्धु बिनुजीत भी मौजूद रहे। एसपी त्रिपाठी ने इस रैली के माध्यम से बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए निहित संदेश को जन-जन तक पहुंचाने की बात कही और इस सप्ताह के तहत आयोजित गतिविधियों के माध्यम से बाल संरक्षण के प्रति हर वर्ग को जागरूक होकर भागीदारी निभाने का आह्वान किया। यूनिसेफ की बाल संरक्षण सलाहकार श्रीमती सिंधु बिनुजीत ने कहा कि बालकों को यौन अपराध से बचाना हम सभी का दायित्व है और इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों के साथ होने वाले यौन दुराचार से उनको बचाने एवं आमजन को उनकी सुरक्षा के लिए बनाए पोक्सो कानून की जानकारी देकर जागरूक करना है। रैली जिला कलेक्टर कार्यालय से प्रारंभ होकर बेडच नदी पुल, सुभाष चौक, सेतु पुल, रेलवे फाटक होते हुए पुनः, से पुनः जिला कलेक्टर कार्यालय आकर सम्पन्न हुई। रैली में पुलिस विभाग की लेडी पेट्रोलिंग टीम, कालिका टीम, पुलिस की सिग्मा, यातायात पुलिस और जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के कार्मिक मौजूद रहे। पोस्टर बनाकर दिया बाल संरक्षण का संदेश इस अभियान के तहत चित्तौड़गढ़ में सेन्ट्रल एकेडमी स्कूल में पोस्टर प्रतियोगिता और चिद्यार्थियों के साथ संवाद कार्यक्रम रखा गया। यहा विद्यार्थियों ने अपनी कला का उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए बच्चों के साथ होने वाले अपराधों एवं उनसे बचाव के उपायों का चित्रण बाल संरक्षण जागरूकता का संदेश दिया। इस अवसर पर कार्यक्रम में स्कूली विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए जिला पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी ने कहा कि आज के दौर में बच्चों को जागरूक एवं सतर्क रहने की जरूरत है। आधुनिकता के दौर में मोबाइल और तकनीक के बढ़ते प्रभाव के कारण बच्चों कई प्रकार के शोषण व अपराधों का शिकार हो रहे है, इससे बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए अभिभावक, शिक्षक एवं समाज को अपनी महती भूमिका निभानी होगी।
उन्होंने बच्चों को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के लिए हर वर्ग को अपनी भागीदारी निभाने का आह्वान किया और बच्चों से भी कहा कि आप खुद जागरूक बने और कहीं भी किसी भी परिस्थिति में आपकों कुछ गलत या असहज लगता है तो अपने अभिभावक, शिक्षक या पुलिस को सूचित करे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश सांखला ने बच्चों से जुड़े विभिन्न प्रकरणों का उदाहरण देते हुए बच्चों की सुरक्षा के लिए सामुदायिक पुलिसिंग को प्रभावी बनाने एवं जागरूक करने की बात कही और बच्चों के लिए निहित कानूनी प्रावधानों के बारे में अवगत कराया। यूनिसेफ की बाल संरक्षण सलाहकार श्रीमती सिन्धु बिनुजीत ने कहा कि बच्चों और महिलाओं को सुरक्षित वातावरण प्रदान करना हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि लड़का हो या लड़की, इन्हें यौन शोषण से बचाने लिए जागरूक होकर कार्य करने की जरूरत है और इसके लिए पोक्सो अधिनियम के बारे में सभी को जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से बच्चों को यौन अपराध से बचाव व सुरक्षा के साथ पोक्सो अधिनियम की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बच्चों में मोबाइल के बढ़ते उपयोग को भी बच्चों के मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया और मोबाइल के सीमित उपयोग की बात कही। कार्यक्रम के दौरान पुलिस विभाग की कामिका पेट्रोलिंग टीम के द्वारा आत्मरक्षा का प्रशिक्षण भी दिया गया। यहां प्रधानाचार्य परेश कुमार नागर ने अतिथियों का स्वागत किया और विद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। अंत पोस्टर प्रतियोगिता में श्रेष्ठ तीन स्थानों पर रहे विद्यार्थियों में प्रथम स्थान पर सिमरन कौर, द्वितीय पर ध्रुवी खटोड़ व हिमांशी तिवारी तथा तृतीय स्थान पर रही खुशाली कुमावत व कुशाग्रा राणावत को अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का संचालन पार्थ भदौरिया ने किया आभार समन्वयक कामना राठौड़ ने जताया।
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