नाम के सुमिरन मात्र से ही मनुष्य का बेडा पर हो जाता है: संत दिगविजराम महाराज
चित्तौड़गढ़ इन दिनों धर्म की गंगा बह रही है सावन माह में रामद्वारा में स्वामी श्री रामचरण जी महाराज की अनुभव वाणी जी सप्ताह का आयोजन चल रहा है इसमें रामस्नेही संप्रदाय के संत रमतादास महाराज और संत दिगविजराम जी महाराज के मुखारविंद से कथा का वाचन हो रहा है कथा के मुख्य यजमान मुंबई वाले ललित कुमार काबरा अशोक कुमार काबरा और जुगल काबरा हैं

नाम के सुमिरन मात्र से ही मनुष्य का बेडा पर हो जाता है: संत दिगविजराम महाराज
अनुभव वाणी सप्ताह का आयोजन
चित्तौड़गढ़ इन दिनों धर्म की गंगा बह रही है सावन माह में रामद्वारा में स्वामी श्री रामचरण जी महाराज की अनुभव वाणी जी सप्ताह का आयोजन चल रहा है इसमें रामस्नेही संप्रदाय के संत रमतादास महाराज और संत दिगविजराम जी महाराज के मुखारविंद से कथा का वाचन हो रहा है कथा के मुख्य यजमान मुंबई वाले ललित कुमार काबरा अशोक कुमार काबरा और जुगल काबरा हैं कथा के4 दिन के दौरान दिगविजराम जी महाराज ने कहा कि राम नाम की साधना करने से परमआनन्द को प्राप्त होता है इसलिए जितना हो सके उतना नाम संकीर्तन करना चाहिए जिसने भी नाम का सत्संग किया उनका बेडा पार हुआ है उन्होंने कहा कि भगवान ना तो पत्थर में है ना मिटृटी में है और नाही भगवान लकडी में है अगर भगवान कहीं है तो केवल भक्त के भाव में है इसका सबसे बडा उदाहरण भक्त प्रहलाद है जिनकी भक्ती और भाव से वे वे स्वयं पत्थर में प्रकट हो गए; उन्होंने कहा कि नरसिंग भगवान आज भी पत्थर में पकट हो सकते है लेकिन भक्त प्रहलाद तो आए; संसार के हर नाम में राम है हर वस्तु में राम है इसलिए महाराज ने कहा जो नाम का भरोसा रखते है उनका बेडा पार हो जाता हे; यह नाम एवं भथ्कत का प्रभाव है अनजान में नाम लेने का भवपार हो जाता है तो भक्ति भाव से नाम लेने वाले को क्या होगा इसका वर्णन कौन कर सकता हे; संत ने कहा कि इन प्रसंगों को सुनने से साधना नाम जपने का समय भी निकल जाता है उन्होंने कहा कि समय तो है लेकिन हर व्यक्ति को समय प्रबंधन आना चाहिए; इसलिए जितना हो सके उतना नाम स्मरण कर लो यह समय का घोडा दौडने वाला है रूकने वाला नहीं है इसलिए मनुष्य को नाम का स्मरण करना चाहिए; अंत में काबरा परिवार और अन्य भक्तों की ओर से व्यास पीठ एवं संतों की आरती की गई
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