“प्रशासन की पहल से वर्षों पुराना सपना हुआ पूरा — ग्रामीणों को मिला पुश्तैनी भूमि का पट्टा”
राजस्थान सरकार के निर्देशानुसार ग्रामीण सेवा शिविरों के माध्यम से आमजन की समस्याओं का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उपखण्ड प्रशासन, चित्तौड़गढ़ द्वारा ग्राम पंचायत सावा में दिनांक 31 अक्टूबर 2025 को ग्रामीण सेवा शिविर का सफल आयोजन किया गया।
चित्तौड़गढ़, 01 नवंबर। राजस्थान सरकार के निर्देशानुसार ग्रामीण सेवा शिविरों के माध्यम से आमजन की समस्याओं का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उपखण्ड प्रशासन, चित्तौड़गढ़ द्वारा ग्राम पंचायत सावा में दिनांक 31 अक्टूबर 2025 को ग्रामीण सेवा शिविर का सफल आयोजन किया गया।
शिविर में ग्रामवासियों द्वारा विभिन्न विभागों से संबंधित समस्याएँ एवं आवेदन प्रस्तुत किए गए, जिनमें भूमि संबंधी मामलों, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं, श्रमिक कार्ड, पेंशन, जन आधार, मनरेगा, आवास एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से संबंधित प्रकरण शामिल थे।
शिविर में पहुंचे ग्राम सावा निवासी रामकरण पुत्र उकार लाल तेली ने अपनी समस्या प्रस्तुत करते हुए बताया कि उनके परिवार के पास पुश्तैनी भूमि का पट्टा अब तक उपलब्ध नहीं था, जिसके कारण उन्हें भूमि से संबंधित अनेक कार्यों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था।
ग्राम पंचायत सावा के सरपंच, सचिव एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों ने तत्परता दिखाते हुए मामले की जाँच की तथा आवश्यक दस्तावेज पूर्ण कर तत्काल प्रभाव से पुश्तैनी पट्टा जारी कर श्री रामकरण तेली को सौंपा गया।
पट्टा प्राप्त होते ही रामकरण तेली के चेहरे पर संतोष और खुशी झलक उठी और कहा “मैं वर्षों से इस भूमि का मालिक तो था, परंतु कागज़ों में मेरा नाम नहीं था। आज प्रशासन की पहल से मेरा सपना पूरा हुआ है। मैं जिला प्रशासन और ग्राम पंचायत सावा का हृदय से आभारी हूँ।”
जयसिंहपुरा निवासी को मिला पुश्तैनी भूमि का पट्टा
इसी क्रम में ग्राम पंचायत पालका में भी उसी दिन ग्रामीण सेवा शिविर का आयोजन हुआ, जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे और ग्रामीणों की समस्याएँ मौके पर ही सुनी गईं।
शिविर में ग्राम जयसिंहपुरा निवासी सुरेशचन्द्र सुथार पुत्र नंदा लाल ने बताया कि उनके परिवार के पास भी पुश्तैनी भूमि का पट्टा नहीं है। ग्राम पंचायत पालका ने तुरंत कार्रवाई करते हुए, दस्तावेजों का सत्यापन कर उन्हें उसी दिन पुश्तैनी पट्टा जारी किया।
पट्टा मिलने पर सुरेशचन्द्र सुथार ने भावुक होकर कहा “मैं कई वर्षों से अपने पुश्तैनी हक के दस्तावेज़ों के लिए प्रयासरत था। आज इस शिविर के माध्यम से सरकार ने जो सुविधा दी है, उसके लिए मैं प्रशासन का हृदय से धन्यवाद करता हूँ।”
उपखण्ड अधिकारी चित्तौड़गढ़ ने बताया कि इस प्रकार के शिविरों से न केवल ग्रामीणों का विश्वास शासन-प्रशासन में बढ़ता है, बल्कि सरकारी योजनाओं का लाभ भी वास्तविक पात्र व्यक्तियों तक पहुँचता है।
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